अच्छी जिंदगी के लिए अच्छी संगति का होना जरूरी है - jeevan-mantra

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Saturday, May 12, 2018

अच्छी जिंदगी के लिए अच्छी संगति का होना जरूरी है




इंसान किस किस्म की संगत रखता है, उसका बहुत बड़ा असर इंसान के ऊपर होता है. जिंदगी में कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं जिनमें हम देखते हैं कि एक ही घराने के बच्चे जब अलग-अलग माहौल में जी रहे होते हैं, तो उनका चरित्र, उनके बातचीत करने का तरीका, उनके खयालात, सब अलग-अलग होने शुरू हो जाते हैं.
महापुरुष हमें समझाते हैं कि हम अच्छी संगत रखें. दोस्ती उन लोगों से करें जिनके खयालात शुद्ध हों. महापुरुष हमें बार-बार समझाते हैं कि हम अपनी संगत अच्छी रखें. ऐसे लोगों के साथ जिएं, ऐसे लोगों के साथ अपना समय व्यतीत करें, जिनका ध्यान प्रभु की ओर हो. जब उनकी संगत में रहेंगे, तो हमारे विचार भी उसी किस्म के हो जाएंगे और हमारा ध्यान भी प्रभु की ओर लगता जाएगा. अगर हमने उन लोगों की संगत की जिनका ध्यान दुनिया की ओर है, तो हमारा ध्यान भी प्रभु से हटकर उस ओर होना शुरू हो जाएगा. तो यह हम पर निर्भर करता है कि हम कैसी संगत रखें, किस से दोस्ती रखें और किस माहौल में जिएं.
कई बार इंसान सोचता है कि मैं अपना माहौल नहीं बदल सकता. लेकिन महापुरुष हमें समझाते हैं कि हम अपने साथ जुड़े पूर्व कर्मों को तो नहीं बदल सकते, परंतु हमारी पच्चीस प्रतिशत जिंदगी हम पर निर्भर करती है. अगर हम अच्छी तरफ कदम उठाएंगे, तो प्रभु की नजदीकी पाएंगे और अगर हमारे कदम अच्छी ओर नहीं उठे, तो हमारी जिंदगी और अधिक खराब होती चली जाएगी. इसीलिए समझाया जाता है कि हम अपनी संगत अच्छी करें.
जब हम महापुरुषों की जिंदगी को देखते हैं, तो उनके अंग-संग जो माहौल होता है, उसमें ध्यान हर समय प्रभु की ओर जाता है. क्योंकि वे चाहते हैं कि हम प्रभु को जानें, हम प्रभु को पाएं, हमारी आत्मा का मिलन परमात्मा के साथ हो. हम जितना ज्यादा ध्यान प्रभु की ओर करेंगे, उतना ही हमें उनके पास पहुंचने में आसानी होगी. जिस ओर हम ध्यान देते हैं, वैसे ही बन जाते हैं. संगत अच्छी होने से हमारा ध्यान आसानी से प्रभु की ओर लग जाता है. इसीलिए संगत अच्छी रखना बहुत जरूरी है.


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