
यूं तो दीपावाली की तैयारी दशहरे के दिन से ही शुरू जाती है। लोग अपने घर को खूब सजाना चाहते हैं, जिससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर उनके घर में प्रवेश करें। ऐसे में कई बार घर को ज्यादा सुंदर बनाने के चक्कर में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं कि स्थितियां वास्तु के विपरीत बन जाती हैं, जो लाभ की जगह कई बार नुकसान का कारण निर्मित कर देती हैं। इसलिए घर को सजाते समय वास्तु का ध्यान भी जरूर रखें।
इस संबंध में वास्तु की जानकार रचना मिश्रा के अनुसार घर को सजाते समय सबसे पहले घर में रखे हुए कबाड़ पर ध्यान दें। कबाड़ वह सारी चीजें हैं जिन्हें आप काफी दिनों से प्रयोग में नहीं ला रहे हैं। ऐसे में इस समय घर में पड़े खराब मशीन, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, बंद पड़ी घड़ी, पुराने वस्त्र जो पहनने के योग्य नहीं रह गए हैं उन सभी सामग्रियों को घर से बाहर निकाल दें।

विशेष ध्यान दें इन बातों पर
अगर किसी जरूरतमंद को आपके अनुपयोगी सामन की जरूरत है तो उन्हें दे दें। वास्तुशास्त्र के अनुसार कबाड़ में रखी वस्तुओं से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर की सुंदरता और सजावट देखकर अगर लक्ष्मी माता आपके घर आ भी जाएंगी तो कबाड़ से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव के कारण वापस लौट जाएंगी।

इसके अलावा यह भी याद रखें कि घर को हम महल की तरह सजा लें, लेकिन घर के चारों तरफ और छत पर गंदगी को कूड़ा जमा हो। तब मां लक्ष्मी आपके घर की ओर देखेंगी भी नहीं। यह उसी प्रकार गलत प्रभाव डालता है जैसे बाहर से गंदे गिलास में आप किसी को शरबत दें। व्यक्ति गिलास को देखकर ही शरबत पीने से इंकार कर देगा।
घर के आगे या उत्तर दिशा की ओर गड्डा है तो उसे भरवाकर समतल करवा दें। इससे वास्तु दोष दूर होगा और अनुकूल स्थितियां बनेंगी। वहीं जिन लोगों के घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर हैं उन्हें मुख्य द्वार पर पिरामिड या लक्ष्मी गणेश की तस्वीर लगानी चाहिए। आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर है तो उत्तर पू्र्व दिशा को विशेष रूप से सजाएं।
घर दरवाजे और खिड़कियों पर सरसों तेल लगाकर उन पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और शुभ लाभ लिखें। दरवाजे में तेल लगाने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि दरवाजा खुलते और बंद होते समय आवाज नहीं आए।
दीपावली के मौके पर बहुत से लोग टीवी और फ्रीज की खरीदारी करते हैं। टीवी और फ्रीज को उत्तर अथवा पूर्व दिशा की ओर मुख करके लगाएं। ड्राइंग रूम में भारी समानों को दक्षिण या पश्चिम दिशा की दीवार से सटाकर रखें।
Read This :
सौम्य काशी ऐसे बन गई उत्तरकाशी, जानिये भगवान शिव के इस स्थल की पूरी कथा
सूर्य मंदिर जो हैं बेहद खास, आपको चौंका देंगी इनकी मान्यताएं व वास्तुकला