vastu-shastra : देवउठनी एकादशी पर कौन सी रंगोली किस दिशा में बनाएं, जानिए धार्मिक लाभ - jeevan-mantra

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Tuesday, November 24, 2020

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vastu-shastra : देवउठनी एकादशी पर कौन सी रंगोली किस दिशा में बनाएं, जानिए धार्मिक लाभ

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देवउठनी एकादशी पर किस दिशा में बनाएं कौन सी रंगोली, जानिए धार्मिक लाभ 


रंगोली बनाने के कई धार्मिक लाभ हैं। देवउठनी एकादशी पर रंगोली बनाने का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्र में भी हर दिशा के लिए अलग आकार और अलग रंगों से रंगोली बनाने का प्रावधान है। 

एकादशी के दिन सही दिशा में सही रंगोली बनाकर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि को निमंत्रित कर सकते हैं, पर्वों पर या प्रतिदिन रंगोली बनाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें। आइए जानें खास बातें... 

पूर्व दिशा: 

इस दिशा में अंडाकार रंगोली बनाएं। पूर्व दिशा में बना अंडाकार रंगोली का डिजाइन आपके जीवन में खुशहाली और व्यवसाय में तरक्की दिलाने में मददगार साबित होता है। 

पूर्व दिशा में रंगोली बनाने के लिए आशावादी रंगों मसलन नारंगी, नीला, मरून, हरा, गुलाबी, भूूरा आदि रंगों का इस्तेमाल करें। इस दिशा में रंगोली बनाने के लिए रंगों का चयन करते समय खास तौर पर ध्यान रखें कि उसमें गोल्डन रंग ना हो। यहां पर रंगोली बनाते समय गोल्डन कलर का इस्तेमाल करने से सामाजिक गतिविधियों में बाधा आ सकती है। पूर्व दिशा में गोलाकर रंगोली ना बनाएं। 

लाभ : इस दिशा में अंडाकार रंगोली बनाने और ऑस्पियस कलर का इस्तेमाल करने से आपके घर और ऑफिस में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है, मान सम्मान में बढ़ोतरी मिलती है। बेहतरीन व्यापारिक संबंधों का निर्माण होता है। परिवार में प्यार और सौहार्द्र का भाव बढ़ता है। 

पश्चिम दिशा : 

यहां पर रंगोली बनाने के लिए बेहतर प्रभाव लिए आप सुनहरे और सफेद रंग का खास तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके अलावा आप अपनी पसंद के अन्य रंगों मसलन लाल, पीला, हरा आदि का चयन भी कर सकते हैं। पश्चिम दिशा में रंगोली बनाने के लिए काले कलर के कॉम्बिनेशन से परहेज करें। 

यहां पर गोलाकार रंगोली बनाएं। यहां पर रंगोली बनाते समय गोलाकार और आयताकार को मिलाकर रंगोली ना बनाएं अगर आपकी हार्दिक इच्छा है कि आप दो आकारों को मिलाकर रंगोली बनाएं, तो फिर आप यहां पर पंचाकार रंगोली बना सकते हैं। 

लाभ : 

कर्मशक्ति में बढ़ोतरी होती है, जिसकी सहायता से आप अपने व्यवसाय में तरक्की कर सकते हैं। नई सफलता पाते हैं। 

दक्षिण दिशा: 

यहां पर आयताकार रंगोली बनाएं। नीले रंग का इस्तेमाल ना करें। यहां पर रंगोली बनाने के लिए नीले के अलावा अपने पसंद के किसी भी रंग का चयन कर सकते हैं। दक्षिण दिशा में लहरिया आकार की रंगोली बनाने से परहेज करें। 

लाभ : मान-सम्मान और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।निर्णयात्मक क्षमता में वृद्धि होती है, जिसकी सहायता से आप किसी भी काम को सही तरीके से और सही समय पर करने का निर्णय लेकर अपने जीवन में धन-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। 

उत्तर-दिशा : 

इस दिशा में लहरदार या लहरिया आकार की रंगोली बनाएं। उत्तर दिशा में रंगोली बनाने के लिए मसलन पीला, हरा, नीला आदि का इस्तेमाल करें। यहां पर रंगोली बनाने के लिए अग्नि तत्वों से संबंधित रंगों मसलन बैंगनी, लाल, नारंगी, वॉयलेट आदि का इस्तेमाल ना करें। यहां पर तिकोनाकार रंगोली बनाने से परहेज करें। 

लाभ : 

उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर का क्षेत्र है यहां पर सही आकार और सही रंग की रंगोली बनाकर आप अपने जीवन में नए अवसरों और धन को आकर्षित करेंगे। उत्तर-पूर्व में लहरिया आकार की रंगोली बनाने से सोच में स्पष्टता आती है जिससे उन्नति के नए अवसर मिलते हैं।

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