1. करवा चौथ में करवा का अर्थ जल रखने के लिए मिट्टी से बने एक छोटे से पात्र से है और चौथ से अर्थ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन से है।
2. ऐसी मान्यता है जब पाण्डव विपरीत परिस्थितियों से घिरे हुए थे तो द्रोपदी ने श्रीकृष्ण से मदद मांगी। इस पर श्रीकृष्ण ने उनको इसी तरह के व्रत को करने का आग्रह किया।
3. करवा चौथ के व्रत का और रबी की फसल की शुरुआत का लगभग एक ही समय होता है, तो ऐसा माना जाता है कि यह त्योहार अच्छी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना है।
4. सत्यवान-सावित्री की कहानी काफी लोकप्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि सत्यवान की मृत्यु के बाद जब यमराज उसे लेने पहुंचा तो सावित्री ने उसके पति को जीवनदान देने की भीख मांगी। जब यमराज ने मना किया तो उसने अन्न-जल का त्याग कर दिया। इस पर यमराज ने उसे बोला कि तू इसके अलावा कुछ भी और मांग सकती है। सावित्री ने अपने पति सत्यवान की संतान की इच्छा व्यक्त की। अंतत: यमराज को सत्यवान को जीवनदान देना पड़ा।
5. करवा चौथ के व्रत में सर्गी की प्रथा भी देखने को मिलती है। इसमें सास अपनी बहुओं को सूर्योदय से पहले खाने के अनेकों व्यंजन देती है, जिन्हें केवल तारों की छाव तक ही ग्रहण किया जा सकता है।
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