कोरोना के संक्रमण को देखते हुए जारी लॉकडाउन के चलते लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना लगभग रुक सा गया है। ऐसे में दूसरे राज्यों के वे लोग जो हर साल या इस साल हिमालयी धामों के दर्शन के इच्छुक थे, उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पा रही है- क्योंकि वे इन धामों के दर्शन नहीं कर पा रहे है।
गौरतलब है कि गढवाल हिमालय के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल चुके हैं, हर वर्ष हजारों लाखों की संख्या में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार कोविड-19 के कारण अभी तीर्थयात्रियों को उनके दर्शन के लिए आने की अनुमति नहीं है।
ऐसे में उत्तराखंड सरकार की ओर से श्रद्धालुओं की भावनाओं को देखते हुए चारों हिमालयी धामों (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री) के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में अब दुनिया भर के श्रद्धालु अब जल्द ही चारधाम के ऑनलाइन दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
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इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले दिनों उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से कहा कि चारों हिमालयी धामों के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालुओं को गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
दरअसल चारधाम देवस्थानम प्रबंध बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड अध्यात्म का केन्द्र है और यहां के मंदिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है जिसे बनाए रखना होगा।
वहीं जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, जो लोग मंदिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोड़कर मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की बात सीएम की ओर से कही गई है। जिसमें सीएम ने ये भी कहा कि इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाए।
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