काल भैरव अष्टमी के दिन भैरव जी की पूजा की जाती है। इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं। चूंकी काल भैरव शिव जी का रुप हैं और उनका मार्गशीर्ष यानी अगहन मास की अष्टमी को अवतार हुआ थी इसलिए इस दिन भैरव जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान होता है। कहा जाता है की काल भैरव की पूजा करने से भूत-प्रेत, सहीत सभी नकारात्मक शक्तियां घर से दूर रहती हैं। वहीं इस दिन कुछ चमत्कारी उपाय करने से चारों तरफ से खुशियां आने लगती हैं। अष्टमी की रात को किया गया है उपाय आपको बहुत से लाभ पहुंचाएगा, आइए जानते हैं वो उपाय...
1. काल भैरव अष्टमी की रात लगभग 10 बजे बाद दक्षिण दिशा में कालभैरव की तस्वीर को लकड़ी की एक चौकी पर रखें। तस्वीर को चौकी पर रखने के बाद एक काला आसन लें और उस पर बैठ जाएं। उसके बाद काल भैरव की तस्वीर के सामने सरसों के तेल से चार बाती वाला दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद चार कीलों पर मौली बांधकर काल भैरव के सामने रख दें। इतना करने के बाद काल भैरव से अपनी पूजा को सफल बनाने की प्रार्थना करें।
प्रार्थना करने के पश्चात आप हवन कुंड तैयार करें और हुं हु फट स्वाहा का मंत्र बोलें। हर बार मंत्र बोलने के बाद काली सरसों से आहुति दें। हवन करते समय मंत्र आपको 108 बार करना है। ध्यान रखें कि आपको उस जगह से तब तक नहीं उठना है, जब तक विधि पूरी न हो जाएं। याद रहे की यह किसी की मौजूदगी में ना करें, एकांत में करें। जब आप यह विधि पूरी कर लें सब कुछ वहीं पड़ा रहने दें। उसके बाद अगले दिन अपने दुश्मन के घर में उस कील को लगा दें। उसकी नजर और ईर्ष्या से आप बचकर रहेंगे। बाकी बची हुई चार कीलों को किसी नदी में प्रवाहित कर दें। दुश्मन के घर कील गाड़ने के बाद जब आप अपने घर आएं तो पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना ना भूलें। इस उपाय को करने से आप दुश्मन की बुरी नज़र से बच जाएंगे, इससे दुश्मन का कोई नुकसान नहीं होगा।
2. काल भैरव जयंती या बुधवार के दिन सवा किलो जलेबी भैरव बाबा को चढ़ाएं। जलेबी का एक भाग कुत्तों को खिलाएं। इससे आपको आर्थिक लाभ होगा।
3. 5 नींबू, 5 गुरुवार या काल भैरव जयंती के दिन भैरव नाथ को चढ़ाएं। इस उपाय को करने वाले व्यक्तिक पर काल भैरव की कृपा हमेशा बनी रहती है।
4. काल भैरव जयंती या रविवार, शुक्रवार के दिन किसी भैरव मंदिर में चंदन, गुलाब और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्तियां जलाएं।
5. काल भैरव जयंती के दिन सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा 11 रुपए, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा मीटर काले कपड़े में एक पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में चढ़ाएं।
6. भैरव बाबा को मदिरा का भोग लगाया जाता हैं। क्योंकि उन्हें मदिरा प्रिय है। इसलिए उनके निमित्त किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा दान करें।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2E3HHq2