मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि जिसे कालाष्टमी भी कहा जाता है, के दिन कालभैरव बाबा की जयंती मनाई जाती हैं । ऐसी मान्यता हैं की इस काले कुत्ते पर सवार भैरव बाबा की पूजा करने से भीषण से भीषण कष्टों का निवारण भी हो जाता है । अगर इस कुछ नियमों का पालन करते हुए श्री भैरव बाबा के नामों का उच्चारण करने एवं उनके सिद्ध मंत्रों का जप एवं विधि विधान से पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं । इस साल 2018 में काल भैरव जयंती 29 नवंबर दिन गुरूवार को हैं । जाने भरैव बाबा के पूजन का विधान एवं उनके सिद्ध मंत्रों के जप का फल ।
ऐसी मान्यता हैं कि काल भैरव जयंती काला अष्टमी के दिन श्री भरैव बाबा के इन आठ नामों का उच्चारण करने से भी कष्टों का निवारण हो जाता हैं और पुण्यफल की प्राप्ति होती हैं ।
श्री कालभैरव के इन अष्टनाम का करें जप-
1- असितांग भैरव,
2- चंड भैरव,
3- रूरू भैरव,
4- क्रोध भैरव,
5- उन्मत्त भैरव,
6- कपाल भैरव,
7- भीषण भैरव
8- संहार भैरव ।
श्री कालभैरव भगवान महादेव का अत्यंत ही रौद्र, भयाक्रांत, वीभत्स, विकराल प्रचंड स्वरूप है । श्री काल भैरव जयंती के दिन किसी भी शिव मंदिर में जाकर काल भैरव जी के इन मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जप करने से भीषण से भीषण कष्टों का नाश होने के साथ मरनासन्न व्यक्ति को भैरव बाबा की कृपा से जीवन दान मिल जाता हैं ।
श्री काल भैरव सिद्ध मंत्र
1- ॐ कालभैरवाय नम: ।
2- ॐ भयहरणं च भैरव: ।
3- ॐ भ्रां कालभैरवाय फट् ।
4- ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरू कुरू बटुकाय ह्रीं ।
5- ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम: ।
उपरोक्त मंत्रों का जप करते वक्त पवित्रता, शुद्धता का ध्यान जरूर रखें ।
इस दिन भैरव बाबा को पांच नींबू चढ़ाने से समस्त परेशानियों से मुक्ति मिल जाती हैं । साथ श्री महादेव भगवान के भैरव स्वरूप को सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काली उड़द, 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े इस सभी की पोटली बनाकर भैरव भगवान के मंदिर में भेट कर दें, इस उपाय को करने से भैरव बाबा भगवान से अपनी मनोकामना कहें वे सभी इच्छाएं पूरी कर देते हैं ।
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