15 मई को आए कर्नाटक चुनाव के परिणामों से कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। यहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया दक्षिण कर्नाटक की विधानसभा सीट चामुंडेश्वरी और नॉर्थ कर्नाटक की बदामी विधानसभा सीट से चुनावी रणभूमि में उतरे थे।
सिद्धारमैया फिलहाल चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र से हार गए हैं। चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र देवी चामुंडेश्वरी मंदिर के नाम पर है। इन्हें मैसूर की प्रमुख देवी माना जाता है। जानिए क्यों खास है चामुंडेश्वरी मंदिर...
यहां गिरे थे देवी सती के बाल
चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर से लगभग 13 किमी दूर दक्षिण में चामुंडा पहाड़ी पर स्थित है। चामुंडेश्वरी को मां दुर्गा का ही रूप माना जाता है। चामुंडा पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर के वध का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर को शक्तिपीठ भी माना जाता है क्योंकि यहां पर देवी सती के बाल गिरे थे। दक्षिण भारत में इसे क्रोंचा पीठम के नाम से भी जाना जाता है।
7 मंजिला है ये मंदिर
इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। इस मंदिर के मुख्य गर्भगृह में स्थापित देवी की प्रतिमा शुद्ध सोने की बनी हुई है। यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का एक अच्छा नमूना है। मंदिर की इमारत सात मंजिला है जिसकी कुल ऊंचाई 40 मी. है। मुख्य मंदिर के पीछे महाबलेश्वर को समर्पित एक छोटा सा मंदिर भी है जो 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। मंदिर के पास ही महिषासुर की विशाल प्रतिमा है।
कैसे पहुंचें...
वायु मार्ग
नजदीकी हवाई अड्डा बैंगलोर (139 किलोमीटर) है। यहां से सभी प्रमुख शहरों के लिए उड़ानें आती-जाती हैं।
रेल मार्ग
बैंगलोर रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा है। बैंगलोर से मैसूर के बीच अनेक रेलें चलती हैं। शताब्दी एक्सप्रेस मैसूर को चेन्नई से जोड़ती है।
सड़क मार्ग
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