तीन साल में एक बार आने वाला अधिक मास शुरू हो गया है। इस साल दो ज्येष्ठ मास रहेंगे। ज्येष्ठ का अर्थ होता है बड़ा। अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है, जिसमें भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। खासतौर पर वैष्णव संप्रदाय में इसका बहुत महत्व है। वैष्णव मंदिरों में 30 दिन उत्सव का माहौल रहेगा। अधिक मास में भगवान कृष्ण के कुछ छोटे-छोटे उपाय से कई लाभ पाए जा सकते हैं। इस महीने में अगर आपने लगातार 21 दिन एक कृष्ण मंत्र का जाप कर लिया तो काफी लाभ मिल सकता है।
अगर अधिक मास में भगवान कृष्ण की पूरे मन से आराधना की जाए तो लंबे समय तक उनकी कृपा का फल मिलता है। सामान्य मान्यता है कि कृष्ण की भक्ति करने वाले लोगों को कभी धन-सम्पत्ति की कमी नहीं होती क्योंकि उनकी मूर्ति या तस्वीर में ही सम्पन्नता के सारे सूत्र हैं। इस अधिक मास में भगवान कृष्ण से जुड़े एक दो उपाय करने सा आपको लंबे समय लाभ मिलेगा।
ये है मंत्र
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।
कैसे करें जाप
1 - सूर्योदय के पूर्व जागें, स्नान के बाद भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
2 - बाल गोपाल या राधा-कृष्ण दोनों में से कोई भी मूर्ति आप मंदिर में स्थापित कर सकते हैं।
3 -मूर्ति का दूध से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते रहें।
4 -दूध से अभिषेक के बाद साफ पानी से नहलाएं फिर पोछकर भगवान को वस्त्र पहनाएं।
5 - कुंकुम, चंदन, अक्षत आदि से पूजन करें।
6 - गुलाब या मोगरे के फूल चढ़ाएं, फिर माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
7 -इसके बाद आसन पर बैठकर तुलसी की माला से ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
8 - जाप के बाद भगवान की आरती करें और खुद प्रसाद लेकर परिवार के लोगों में बांट दें।
इस क्रम को 21 दिन लगातार करें। इससे आपको बहुत सारी परेशानियों से मुक्ति मिलने लगेगी।
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